1949 |
- 29 जुलाई को रेअर मिनरल्स सर्वे यूनिट (विरल खनिज सर्वेक्षण इकाई) को परमाणु ऊर्जा आयोग के अन्तर्गत लाया गया तथा मुख्यालय, नई दिल्ली सहित इसे 'रॉ मटेरियल्स डिविजन’ (आर.एम.डी.) के रूप में नया नाम दिया गया ।
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1951 |
- जादूगुडा, सिंहभूम जिला, झारखंड में यूरेनियम डिपॉज़िटों की खोज तथा असोसिएटेड ड्रिलिंग कम्पनी, लंदन द्वारा पहले बोरहोल की ड्रिलिंग ।
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1955 |
- चार ड्रिलिंग रिगों की प्राप्ति और सिंहभूम जिला, झारखंड में तथा विभागीय अन्वेषणात्मक ड्रिलिंग की शुरुआत ।
- वायुवाहित रेडियोमितीय सर्वेक्षण की शुरुआत ।
- परमाणु खनिजों के अन्वेषण हेतु स्वदेशी रूप में फील्ड उपस्करों का स्वदेशीय संविरचन ।
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1956 |
- उमरा, उदयपुर जिला, राजस्थान में यूरेनियम खनिजीकरण की खोज ।
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1957 |
- उमरा, उदयपुर जिला, राजस्थान में अन्वेषणात्मक खनन प्रारंभ करना ।
- जादूगुडा, सिंहभूम जिला, झारखंड में अन्वेषणात्मक खनन की शुरुआत।
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1958 |
- आर.एम.डी. को 'एटामिक मिनरल्स डिविजन’ (ए.एम.डी.) के रूप में नया नाम दिया गया ।
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1962 |
- भाटिन, सिंहभूम जिला झारखंड में अन्वेषणात्मक खनन कार्य प्रारंभ किया गया ।
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1963 |
- नरवापहाड़, सिंहभूम जिला झारखंड में अन्वेषणात्मक खनन कार्य प्रारंभ किया गया ।
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1964 |
- नई दिल्ली में मॉस स्पैक्ट्रोमीटर व प्रोटोन प्रीसेशन मैग्नेटोमीटर का संविरचन तथा संस्थापना ।
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1966 |
- जादूगुडा यूरेनियम डिपॉज़िट, सिंहभूम जिला, झारखंड का मूल्यांकन और संसाधन आकलन किया गया ।
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1970 |
- नरवापहाड़ यूरेनियम डिपॉज़िट, सिंहभूम जिला, झारखंड का मूल्यांकन और संसाधन आकलन किया गया ।
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1971 |
- कुंकुरी, रायगढ़, जिला, छत्तीसगढ़ में ज़िनोटाइम उपस्थिति की खोज ।
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1972 |
- छत्रपुर, बरहमपुर जिला, ओड़िशा और नीन्दाकारा-कायनकुलम, केरल के भारी खनिज निक्षेपों का मूल्यांकन और रिज़र्व आकलन किया गया ।
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1973 |
- बोदल, राजनांदगाँव जिला, छत्तीसगढ़ में यूरेनियम निक्षेप की खोज ।
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1974 |
- ए.एम.डी. के मुख्यालय को नई दिल्ली से हैदराबाद लाया गया ।
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1976 |
- शिलांग, मेघालय में पूर्वोत्तर आंचलिक कार्यालय की स्थापना की गई ।
- बोदल तथा जजवाल, छत्तीसगढ़ में अन्वेषणात्मक खनन कार्य प्रारंभ किया गया ।
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1978 |
- उच्च संवेदी वायुवाहित गामा-किरण स्पेक्ट्रोमिती तथा चुंबकीय सर्वेक्षण की शुरुआत की गई ।
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1979 |
- भाटिन तथा तुरामडीह (पूर्व), सिंहभूम जिला, झारखंड में यूरेनियम डिपॉज़िट का मूल्यांकन व संसाधन आकलन किया गया ।
- मर्लागला, माण्डय़ा जिला, कर्नाटक में स्पोडय़ूमीनयुक्त टैन्टालिफेरस पेग्माटाइट की खोज।
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1983 |
- गामा-किरण स्पैक्ट्रोमिति उपस्करों के अंशांकन के लिए नागपुर, महाराष्ट्र में अंशांकन पैड का निर्माण किया गया ।
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1984 |
- डोमियासियट, पश्चिम खासी हिल्स जिला, मेघालय में बलुआ पत्थर प्रकार के यूरेनियम निक्षेप की खोज की गई ।
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1985 |
- बोदल यूरेनियम निक्षेप राजनांदगांव, जिला छत्तीसगढ़ का मूल्यांकन और संसाधन आकलन कार्य पूरा किया गया ।
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1986 |
- कडप्पा बेसिन, आंध्रप्रदेश के पश्चिमी छोर में तुम्मलपल्ले में डोलोस्टोन शैलों में यूरेनियम खनिजीकरण पाया गया ।
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1987 |
- झारखंड के सिंहभूम जिले में तुरामडीह (पश्चिम) (बांडुहुरांग) यूरेनियम निक्षेप का मूल्यांकन और संसाधनों का आकलन किया गया ।
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1988 |
- जयपुर में पश्चिमोत्तर (वर्तमान में पश्चिमी ) तथा हैदराबाद में दक्षिण-मध्य क्षेत्रीय कार्यालयों की स्थापना की गई ।
- कुट्टुमंगलम तथा वेट्टुमाडिया सैंड डिपॉज़िट के भारी खनिज संसाधनों का मूल्यांकन व आकलन कार्य पूरा हुआ ।
- परमाणु खनिजों के लिए अन्वेषण तथा अनुसंधान’ (ईएआरएफएएम) नाम से पखनि के प्रकाशन की शुरुआत हुई ।
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1989 |
- मोहुलडीह यूरेनियम निक्षेप, सिंहभूम जिला, झारखंड का मूल्यांकन व संसाधन आकलन कार्य पूरा हुआ ।
- ए.एम.डी. ने अन्टाकर्टिका अभियान में भाग लिया ।
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1991 |
- लाम्बापुर, नलगोण्डा जिला, आँध्र प्रदेश में यूरेनियम खनिजीकरण की खोज ।
- डोमियासियट यूरेनियम निक्षेप की खोज हेतु 'राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार' प्राप्त ।
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1992 |
- कलिंगपटनम तट, श्रीकाकुलम जिला, आँध्र प्रदेश में पुलिन बालू भारी खनिज निक्षेप की खोज ।
- यूरेनियम की निकासी हेतु डोमियासियट में पुनःप्राप्ति परीक्षण संयंत्र स्थापित ।
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1993 |
- पश्चिम खासी हिल्स जिला, मेघालय में डोमियासियट यूरेनियम निक्षेप का मूल्यांकन व संसाधन आकलन कार्य पूर्ण हुआ ।
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1994 |
- वाहकिन, पश्चिम खासी हिल्स जिला, मेघालय में यूरेनियम की खोज ।
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1996 |
- लाम्बापुर यूरेनियम निक्षेप की खोज एवं डोमियासियट अयस्क से पग-क्यूर-लीच पद्धति द्वारा यूरेनियम का निष्कर्षण हेतु दो राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार प्राप्त ।
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1997 |
- गोगी, गुलबर्गा जिला, कर्नाटक के भीमा बेसिन में ब्रेशिएटेड लाइमस्टोन में यूरेनियम खनिजीकरण की खोज ।
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1998 |
- ए.एम.डी. का स्वर्ण जयंती वर्ष ।
- परमाणु खनिज प्रभाग को 'परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय’ के नाम से नामकरण ।
- भूभौतिकीय क्षेत्र में वायुवाहित भूभौतिकीय सर्वेक्षण के यांत्रिकीकरण में अमूल्य योगदान हेतु राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार ।
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1999 |
- गुलबर्गा जिला,कर्नाटक में गोगी यूरेनियम की खोज हेतु राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार प्राप्त।
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2001 |
- नलगोण्डा जिला, आँध्र प्रदेश में लाम्बापुर-पेद्दागट्टु यूरेनियम निक्षेप का मूल्यांकन व संसाधन आकलन किया गया ।
- ब्रह्मगिरि, पुरी जिला, ओड़िशा में पुलिन बालु में प्रचुर भारी खनिज सांद्रीकरण की खोज ।
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2002 |
- खनिज अन्वेषण के क्षेत्र में राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार दिया गया ।
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2004 |
- डॉ.अनिल काकोडकर, अध्यक्ष, प.ऊ.आयोग द्वारा पश्चिमी क्षेत्र, जयपुर में कार्यालय भवन का उद्घाटन ।
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2007 |
- गोगी खनन स्थल में अन्वेषणात्मक खनन हेतु तारीख 18-6-2007 को भूमि-पूजन किया गया ।
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2009 |
- डॉ.अनिल काकोडकर, अध्यक्ष, प.ऊ.आयोग के करकमलों द्वारा पखनि परिसर, हैदराबाद के नवनिर्मित 'सी' ब्लॉक के कार्यालय भवन का उद्घाटन ।
- ड्रिलिंग उत्पादकता में वृद्धि हेतु क्रॉलर पर स्थापित टॉप ड्राइव हाइड्रोस्टैटिक रिगों का प्रचालन शुरू हुआ।
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2010 |
- बीएआरसी प्रशिक्षण विद्यालय-एएमडी कैम्पस, हैदराबाद में 'विज्ञान परास्नातकों के लिए प्रथम अभिमुखीकरण पाठ्यक्रम (OCES-2010)' का उद्घाटन किया गया ।
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2012 |
- कडप्पा जिला, आँध्र प्रदेश में तुम्मलपल्ले यूरेनियम निक्षेप का मूल्यांकन किया गया और संसाधन का आकलन 75,000 टन U3O8 तक पहुंचा ।
- चित्रियाल यूरेनियम निक्षेप की खोज हेतु राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार दिया गया ।
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2013 |
- तुम्मलपल्ले यूरेनियम निक्षेप की खोज हेतु राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार दिया गया ।
- देश का कुल पुलिन बालू भारी खनिज(बीएसएम) संसाधन एक बिलियन टन के मार्क को पार कर गया ।
- मुख्यारलय से सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को वीडियो कॉफ्रेंसिंग प्रणाली के द्वारा जोड़ने के सिस्टमम को चालू किया गया ।
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2014 |
- देश के यूरेनियम संसाधन ने दो लाख टन के मार्क को पार किया ।
- बोरहोल ट्रॉजेक्टॅंरी लॉगिंग सिस्टरम और ट्रांस्पोयर्टेबल अंशांकन पैड को स्वंदेशी रूप से निर्मित किया गया ।
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2015 |
- पुलिन बालू भारी खनिज (बीएसएम) अन्वे षण में सोनिक भूवेधन प्रारंभ किया गया ।
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2016 |
- WD-XRF की तीन इकाइयाँ नागपुर, जयपुर और बेंगलुरु में चालू की गईं ।
- रसायन प्रयोगशाला, हैदराबाद को एनएबीएल(आईएसओ 17025) प्रमाणपत्र ।
- हैदराबाद में समस्थाजनिक औसत मास स्पेएक्ट्रो मीटर (आईआरएमएस)इकाई चालू की गई ।
- दक्षिण मध्यंवर्ती क्षेत्र, के कार्यालय परिसर का उद्घाटन डॉ.शेखर बसु, अध्यटक्ष, परमाणु ऊर्जा आयोग और सचिव, परमाणु ऊर्जा विभाग ने चेर्लापल्लीा, हैदराबाद में किया ।
- रोहिल, सिकर जिला, राजस्थान में अन्वेषणात्मक खनन प्रारंभ करना ।
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