खनिजों की पहचान, संरचनात्मक परिष्करण और क्रिस्टलाईट साइज़ निर्धारण के लिए क्ष-किरण विवर्तन एक बहुत ही प्रभावशाली उपकरण है | हैदराबाद स्थित क्ष-किरण विवर्तन प्रयोगशाला GE-XRD-3003 TT स्वचालित तंत्र से सज्जित है, इसमें चूर्ण विवर्तन अध्ययन हेतु एकवर्णीय अभिलाक्षणिक CuK(α) विकिरण का उपयोग करते हैं | यह प्रयोगशाला निम्न अध्ययन में सतत प्रवृत्त है :
- यूरेनियम के प्राथमिक तथा द्वितीयक खनिज और सहयोगी खनिज; विरल धातु और विरल मृदा धारक खनिजों की प्रावस्था और सम्बंधित खनिजों की पहचान और अभिलक्षणन |
- मेटामिक्ट खनिजों का अभिलक्षणन और यूरेनियम के सज्जीकरण में मेटामिक्टिकरण की हद का प्रभाव |
- मृत्तिका और संरचनात्मक खनिजों की पहचान |
- परमाणु खनिजों के यूनिट सेल पैरामीटर का निर्धारण |
- विविध प्रकार के भौमिकीय विन्यास में यूरेनियम अयस्क की उत्पत्ति की व्याख्या हेतु यूरेनिनाइट के ऑक्सीकरण कोटि का निर्धारण |
- जनक शैल और आतिथेय खनिजीकरण के उद्विकासी इतिहास की व्याख्या हेतु विरल धातु और विरल मृदा खनिजिकृत ग्रेनाइट और पेग्मेटाइट में पोटाश फेल्सपार की त्रिनताक्षता और संरचनात्मक अवस्था का निर्धारण |
- मुख्यत U, Th, Nb, Ta, Sn के अयस्कों का क्ष-किरण क्रिस्टल-संरचनात्मक और प्रतिस्थापन ठोस विलयन अध्ययन | ठोस विलयन सीरीज में अवस्थाओं का अभिलक्षणन |
- आग्नेय, कायांतरीत और अवसादी मूल की शैलों का गुणात्मक खनिजीय अध्ययन |
- निओबियम और टैंटलम के प्राथमिक खनिजों में संरचनात्मक कोटि की जांच से अयस्क उत्पत्ति के समय गृहित भौतिक–रासायनिक अवस्थाओं को स्पष्ट करना |
- यूरेनियम अयस्क के सज्जीकृत तथा ताप-उपचारित उत्पाद और निलाक्षण अवशिष्ट का अभिलक्षणन |
- पुलिन बालू और अपतटीय खनिज निक्षेपों में मौजूद परमाणु खनिज अवस्थाओं का अभिलक्षणन |