Print Icon संबद्ध वर्ग

परमाणु खनिज आँकड़ा केन्द्र (प.ख.आं.के) सूचना प्रौद्योगिकी (आई.टी) अवसंरचना, वेबसाइट, ईमेल और उधम स्थर के भू-स्थानिक परमाणु खनिज अन्वेषण डाटाबेस प्रबंधन प्रणाली (ई.जी.डी.एम.एस) के डिजाइन, विकास और कार्यान्वयन का प्रबंधन कार्य करता है। केंद्र ने नवीनतम उपकरणों का उपयोग करके  जियो-मॉडलिंग की सुविधा भी विकसित की है। केन्द्र की प्रमुख गतिविधियां निम्नानुसार हैं:

  • सूचना प्रौद्योगिकी
  • वेबसाइट डिजाइन और प्रबंधन
  • डाटाबेस डेवलपमेंट
  • जियो-मॉडलिंग
कोल्मबाईट- टेन्टालाइट 134.472t
बेरिल 4,244.671t
जीनोटाइम धारक सारकृत द्रब्य 52.783t
लिपिडोलीट 3296t

पखनि, नाभिकीय स्थापनाओं के लिए स्थल के मुल्यांकन करने संबंधी पऊवि की समिति का सदस्य होने के नाते नाभिकीय बिजली संयंत्रों सहित नाभिकीय सुविधाओं के लिए प्रस्तावित स्थलों के प्राथमिक भू-तकनीकी, भूकंपविवर्तनिक व भू-वैज्ञानिक अध्ययन कार्यों के लिए जिम्मेदार हैं |

खान एवं खनिज (विकास व नियमन) अधिनियम, 1957 (एमएमडीआर अधिनियम,1957), खनिज रियायत नियम, 1960 (एमसीआर, 1960) व परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 के प्रावधानों के अनुसार खनन नियामक वर्ग द्वारा निम्नलिखित कार्य किए जाते हैः

  • परमाणु ऊर्जा (खान, खनिय कार्य व निर्धारित पदार्थों का प्रहस्तन) नियम, 1984 के अधीन पऊवि द्वारा संस्तुत एजेंसी (सरकारी/निजी) को लाइसेंसों को जारी किए जाने संबंधी प्रस्तावों की समीक्षा ।
  • परमाणु खनिजों हेतु पऊवि से प्राप्त खनन लीज़ के अनुदान संबंधी पूर्वानुमोदन पुर्वेक्षण लाइसेंसों (पी.एल) व अवीक्षी परमिट (आर.पी) हेतु प्राप्त आवेदनों की समीक्षा ।
  • आईबीएम द्वारा भेजी गई खनन योजनाओं की समीक्षा एवं टिप्पणी।
  • परमाणु खनिज संबंधी खानों व आरपी, पीएल, व एमएल क्षेत्रों का निरीक्षण ।
  • यूसीआईएल व आईआरईएल व अन्य निजी क्षेत्र के उपक्रमों से प्राप्त परमाणु खनिजों के खनन योजनाओं की समीक्षा ।
  • एमएमडीआर संशोधित अधिनियम, 2015 के प्रावधानों के अनुसार प्रथम अनुसूचि के भाग-बी में विनिर्दिष्ट खनिजों व इससे संबंधित प्रयोजनों के संबंध में खनन पट्टों या अन्य खनिज रियायतों के अनुदान के नियमन हेतु नए नियम बनाना ।

खनन योजनाओं का डेटा / संशोधित खनन योजना / पुलिन-बालुका खनिज के संबंध में पखनि द्वारा अनुमोदित खनन की योजना

प.ख.नि., मानव संसाधनों के विकास को समुचित महत्व देता है, क्योंकि मानव संसाधन पर ही अन्वेषणात्मक गतिविधियों की जिम्मेदारी है । सतह के निकट स्थित यूरेनियम डिपॉज़िटों के तेजी से रिक्त होने के परिप्रेक्ष्य में इस बात की आवश्यकता है कि हमारी जानकारी को लगातार अद्यतन रखा जाए ।

सामग्री प्रबंधन वर्ग (MMG) का मुख्य कार्य बीस लाख रुपये तक की लागत के यत्रों व उपस्करों व सामग्री की खरीद तथा आपूर्ति करना है | इस वर्ग द्वारा बीस लाख रुपये तक की लागत की क्रय संबंधी फाइलों को निदेशक, क्रय एवं भंडार, मुंबई के माध्यम से प्रक्रमित किया जाता है | वार्षिक अनुरक्षण ठेका (ए.एम.सी.) संबंधी प्रस्तावों की संवीक्षा कर ए.एम.सी जारी किए जाते हैं | वर्त्तमान में सभी क्रय ऑनलाइन ई-टेंडरिंग द्वारा किए जा रहे हैं | यह वर्ग वस्तुओं को अनुपयोगी घोषित करने व उनके निपटान संबंधी प्रस्तावों को प्रक्रमित करने के लिए भी जिम्मेदार हैं |

निर्माण एवं अभियांत्रिकी सेवाएँ वर्ग पखनि, मुख्यालय, हैदराबाद में कार्यालय तथा आवासीय भवनों को व्यवस्थित रूप से रखने तथा उनके अनुरक्षण व वर्तमान मूलभूत सुविधाओं के आधुनिकीकरण, नवीन यंत्रों व उपस्करों को स्थापित करने हेतु वांछित विभिन्न छोटे कार्यों को निष्पादित करने के लिए योजना बनाना, उसका आंकलन करने तथा उन्हें पूरा करने के लिए जिम्मेदार हैं | इस वर्ग द्वारा विभिन्न क्षेत्रीय केन्द्रों में  किए जा रहे सभी अभियान्त्रिकी  कार्यों व विभिन्न निर्माण कार्यों संबंधी योजना परियोजनाओं में प्राप्त प्रगति का मानीटरन भी किया जाता हैं |

संरक्षा अनुभाग सभी कर्मचारियों को कार्य स्थल पर दुर्घटनाओं की रोकथाम व पर्यावरण संरक्षण तथा सरकारी संपत्ति की क्षति के बचाव हेतु प्रोत्साहित करने के लिए जिम्मेदार है । संरक्षा गतिविधियों के अंतर्गत बहिस्राव, उत्सर्जित कणीय पदार्थ, NO2, SO2, जैसे गैसीय प्रदूषण, गामा विकिरण, होल बॉडी  डोज  और विभिन्न प्रयोगशालाओं/अनुभागों/फील्ड क्षेत्रों का मानीटरन, संरक्षा उपकरणों का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित करने हेतु सुविधाएं उपलब्ध करना, दृश्य-श्रव्य कार्यक्रमों, प्रशिक्षण, संरक्षा संबंधी पोस्टरों, गीत गायन प्रतियोगिता का आयोजन, पऊवि की विभिन्न इकाइयों में अपसामान्य घटनाओं का संकलन तथा उक्त की पुनरावृत्ति के रोकथाम के लिए पखनि के विभिन्न प्रयोगशालाओं, अनुभागों में इनका परिचालन करना आदि कार्य सम्मिलित है । इस वर्ग द्वारा असुरक्षा, गंदगी की रोकथाम व वार्षिक संरक्षा संबंधी सांख्यिकीय रिपोर्ट का एकत्रण व संकलन के लिए भी विभिन्न प्रयोगशालाओं/अनुभागों का निरीक्षण किया जाता है ।