श्री धीरज पांडे, वैज्ञानिक अधिकारी - एच, एक प्रख्यात अन्वेषण भूविज्ञानी हैं। श्री पांडे ने 01 मई, 2024 को परमाणु खनिज अन्वेषण और अनुसंधान निदेशालय (पखनि) के निदेशक का पदभार ग्रहण किया । श्री पांडे ने वर्ष 1987 में लखनऊ विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश से भूविज्ञान में एम.एससी. की उपाधि प्राप्त की और दिसंबर, 1988 में प्रतिष्ठित परमाणु ऊर्जा विभाग (पऊवि) की अनुसंधान इकाई, पखनि, हैदराबाद में वैज्ञानिक अधिकारी के रूप में अपनी सरकारी सेवा आरंभ की । श्री धीरज पांडे को विभिन्न भूवैज्ञानिक क्षेत्रों में यूरेनियम और अन्य परमाणु खनिजों के अन्वेषण एवं अनुसंधान में तीन दशकों से अधिक का अनुभव प्राप्त है। श्री पांडे ने नई दिल्ली, जमशेदपुर, जयपुर, बेंगलुरु और मुख्यालय, हैदराबाद में पखनि क्षेत्रीय केंद्रों में विभिन्न पदों पर कार्य किया है। उन्होंने राजस्थान में रोहिल यूरेनियम निक्षेप, झारखंड में तुरामडीह समूह के यूरेनियम निक्षेप और कर्नाटक में कंचनकायी-हल्कल यूरेनियम निक्षेप के पूर्वेक्षण एवं विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है। निदेशक, पखनि के रूप में अपनी नियुक्ति से पूर्व उन्होंने प्रधान, योजना और प्रबंधन सेवा वर्ग, क्षेत्रीय निदेशक, दक्षिणी क्षेत्र और अपर निदेशक, के रूप में कार्य किया है ।
श्री पांडे को भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग समूह उपलब्धि पुरस्कार-2016 और राजस्थान में रोहिल यूरेनियम निक्षेप की खोज एवं विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए खान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2019 से सम्मानित किया गया। श्री पांडे ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं और सम्मेलनों में 50 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित किए हैं।