परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय, परमाणु ऊर्जा विभाग (प.ऊ.वि.) की प्राचीनतम इकाई है । सरकार द्वारा 15 अप्रैल 1948 को पारित परमाणु ऊर्जा अधिनियम के तहत तथा 10 अगस्त 1948 को परमाणु ऊर्जा आयोग के गठन के बाद 29 जुलाई 1949 को ’रेअर मिनरल्स सर्वे यूनिट’ अर्थात् ’विरल खनिज सर्वेक्षण इकाई’ का गठन किया गया जिसका मुख्यालय दिल्ली में था । फिर इसका नाम बदलकर ’रॉ मैटिरियल्स डिविजन’ अर्थात् ’कच्ची सामग्री प्रभाग’ रखा गया । तत्पश्चात् 1958 में ’ऐटॉमिक मिनरल्स डिविजन’ अर्थात् ’परमाणु खनिज प्रभाग’ रखा गया । बाद में इसका मुख्यालय 1974 में हैदराबाद स्थानांतरित किया गया । देश के अग्रगण्य वैज्ञानिक संगठनों में से एक, जो कि बहु-अनुशासनिक तथा बहुमुखी अन्वेषण-सह-विश्लेषणात्मक-सह-अनुसंधान कार्यकलापों से जुड़ा हुआ है, इसके बढ़ते हुए आकार को ध्यान में रखते हुए ’स्वर्ण जयन्ती वर्ष’ में कदम रखने के उपलक्ष्य में ’डिविजन’ अर्थात् ’प्रभाग’ को बदलकर 29 जुलाई 1998 को ’डायरेक्टरेट’ अर्थात् ’निदेशालय’ के रूप में पुनः नामकरण किया गया ।
प.ख.नि. ने अपना प्रचालन 3 अक्टूबर 1950 से 17 प्रमुख भूवैज्ञानिकों के साथ आरम्भ किया, जिनकी संख्या आज बढ़कर 2354 (सभी वर्ग 01.11.2016 तक) हो गई है । इस इकाई का मुख्य उद्देश्य देश के परमाणु ऊर्जा बिजली कार्यक्रम के लिए अपेक्षित भूवैज्ञानिक अन्वेषण तथा खनिज निक्षेपों (डिपॉज़िटों) की खोज करना था । भारतीय भूवैज्ञानिकों में वरिष्ठ प्रोफेसर डी.एन.वाडिया, एफ.आर.एस., ने विभाग के ’भूविज्ञान सलाहकार’ के रूप में 1970 तक निदेशालय के अन्वेषण कार्यक्रम का मार्गदर्शन किया। 1957 में डॉ.पी.के.घोष इस इकाई के प्रथम निदेशक नियुक्त हुए । निम्नलिखित निदेशकों ने इस निदेशालय को वर्तमान ख्याति तक पहुँचाने हेतु सफलतापूर्वक संचालित किया ।
ऐतिहासिक परिदृश्य
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- डॉ. पी. के. घोष (1957-1960)
- श्री के. के. धर (1970-1974)
- डॉ. जी. आर. उदास (1974-1981)
- श्री ए. वी. फडके (1981-1985)
- श्री टी. एम. महादेवन (1985-1987)
- श्री ए. सी. सारस्वत (1987-90)
- श्री रवि कौल (1990-1992)
- डॉ. एस. विश्वनाथन (1992-93)
- डॉ. के. के. द्विवेदी (1993-1998)
- श्री डी. सी. बैनर्जी (1998-2001)
- श्री आर. के. गुप्ता (2001-2003)
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- श्री आर. एम. सिन्हा (2003-2006)
- डॉ. अँजन चाकी (2006-2010)
- श्री पी. बी. मैथानी (2010-2011)
- श्री पी. एस. परिहार (2011-2015)
- डॉ. ए. के. राय ( जनवरी 2016-नवंबर 2016)
- श्री एल. के. नंदा (दिसंबर 2016-अप्रैल 2018)
- श्री एम. बी. वर्मा ( मई 2018-दिसंबर 2019)
- डॉ. डी. के. सिन्हा ( जनवरी 2020-नवंबर 2022)
- श्री बी. सरवणन ( दिसंबर 2022-अप्रैल 2024)
- श्री धीरज पांडे ( मई 2024-अब तक)
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1974 में मुख्यालय दिल्ली से हैदराबाद स्थानांतरित करने के साथ ही निदेशालय के कार्यकलापों में तेजी लाते हुए चार केद्रों नई दिल्ली (उत्तरी क्षेत्र ), बंगलूरू ( दक्षिण क्षेत्र), जमशेदपुर ( पूर्वी क्षेत्र ) व नागपुर ( मध्यवर्ती क्षेत्र ) के अतिरिक्त शिलांग (पूर्वोत्तर क्षेत्र) , हैदराबाद (दक्षिण-मध्य क्षेत्र) व जयपुर ( पश्चिम क्षेत्र ) में नये क्षेत्रीय कार्यालय खोले गये तथा मुख्यालय में नवीनतम उपकरणों सहित विभिन्न प्रयोगशालाएँ खोली गई ।