प.ख.नि. ने देश में परमाणु खनिज अन्वेषण/ मूल्यांकन का कार्य 1950 में 23 वैज्ञानिक व 7 तकनीकी कार्मिकों के साथ प्रारंभ किया था जो आज बहु-अनुशासनिक संस्था के रूप में बढ़कर 1943 कार्मिकों (01.10.2021) तक पहुंच गया है, जिसमें वैज्ञानिक (455), तकनीकी (316), प्रशासनिक कार्मिक (211) तथा सहायक (961) वर्ग शामिल हैं
प.ख.नि., मानव संसाधनों के विकास को समुचित महत्व देता है, क्योंकि मानव संसाधन पर ही अन्वेषणात्मक गतिविधियों की जिम्मेदारी है । सतह के निकट स्थित यूरेनियम डिपॉज़िटों के तेजी से रिक्त होने के परिप्रेक्ष्य में इस बात की आवश्यकता है कि हमारी जानकारी को लगातार अद्यतन रखा जाए ।
नव नियुक्त वैज्ञानिकों के संदर्भ में निदेशालय का मुख्य उद्देश्य उन्हें राष्ट्र के परमाणु बिजली कार्यक्रम में प.ख.नि.की भूमिका से अवगत कराना है, साथ ही साथ निदेशालय द्वारा अपनाये गये विभिन्न सिद्धांतों तथा अन्वेषण तकनीकों का परिचय देना है । यह प्रशिक्षण विभिन्न चरणों में जिनमें चयनित विषयों पर दृष्य-श्रव्य की सहायता से व्याख्यान, फील्ड कार्य तथा हैदराबाद स्थित प्रयोगशालाओं का दौरा शामिल है, आयोजित किया जाता है ।
इसके अतिरिक्त वैज्ञानिकों के लिए अन्य विभिन्न विशेषज्ञता वाले विषयों जैसे कंप्यूटर, रिमोट सेन्सिंग तथा पेट्रोलॉजिकल अध्ययन शामिल है, में भी प्रशिक्षण आयोजित किया जाता है । इस तरह के विधिवत प्रशिक्षण कार्यक्रम 1989 से आयोजित किये जा रहे हैं तथा अब तक 336 अधिकारियों के लिए 25 प्रशिक्षण पाठय़क्रम आयोजित किये जा चुके हैं ।
वियतनाम, सीरिया, क्यूबा तथा ईरान जैसे देशों के विदेशी वैज्ञानिकों के लिए भी यूरेनियम अन्वेषण के विभिन्न पहलुओं पर आई.ए.ई.ए., अथवा द्विपक्षीय आदान-प्रदान कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा चुके हैं ।
प्रशिक्षण विद्यालय